QUOTES ON #आसिफा

#आसिफा quotes

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27 DEC 2018 AT 16:51

मैं आसिफा
हैवानियत की सारी हदें पार हो गई
आज तो इंसानियत भी शर्मसार हो गई
आज फिर मेरी इज्जत नीलाम हो गई
निर्भया कोपर्डी की तरह कठुआ केस भी आम हो गई

कैसे बयां करूं खुद पर हुए जुल्मो को,

नफरत की बेडीयों से मुझे बांधा गया
नशे का घूंट मुझे पिलाया गया
हवस की आग में मुझे जलाया गया
जहन्नम का एहसास मुझे दिलाया गया
हर जुल्मों सितम मुझ पर ढाया गया
मेरी आखिरी हद तक मुझे आजमाया गया

माँ! में बहुत चिल्लाई रोई गिड़गिड़ाई पर कुछ ना हो सका

देखते ही देखते मेरा सुख दुख में बदल गया
और मेरा वजूद दूसरों के हाथों का खिलौना बन गया
फिर वो वक्त आया मौत ने अपना वादा निभाया
इस दर्द भरी बेजान जिंदगी से मुझे आजाद करवाया

लोगों के व्यक्तित्व पर घिनौनी सोच का पहरा है

राजनीति और जातिवाद ने मुझे घेरा है
हर इंसान का दोमुंहा चेहरा है
जब तक खुद पर ना बीते तब तक
हर इंसान यहां गूंगा और बहरा है।

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17 APR 2018 AT 9:40


इतने पर भी जी भरा ना
तो सर पत्थर पर मार दिया
इंसानियत का आखरी चोला
हैवानों ने उतार दिया।

( कविता कैप्शन में पढ़ें )

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16 APR 2018 AT 12:51

गुड़िया के बदन के वो निशां मुझसे पूछते
नक्शे में इंडिया के हिंदुस्तान कहां है ??

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8 JUN 2019 AT 18:09

ट्विंकल शर्मा की मन की बात

(अनुशिर्षक में पढ़ें 🙏😊)

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2 FEB 2018 AT 8:42

आज फिर से इंसान ने हैवानियत तक की रूह कंपकपाई है
एक नन्ही कली को रौंदकर उसने अपनी मर्दानगी जताई है।

ऐसा लगता है मानो इंसान ने इंसान न बनने की कसमें खाई है
तभी तो उसने र्निबोध बच्ची को भी हवस की सामग्री बनाई है।।

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13 APR 2018 AT 21:10

जिस देश में स्त्री भोग की वस्तु समझी जाए,
ईश्वर करे उस देश में बेटी कभी जन्म हीं ना पाए।

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16 APR 2018 AT 20:54

मुलींना सगळी बंधने?
मुलींच्या कपड्यांचा दोष नाही,
वाईट नजरेने पाहणाऱ्या
वाईट विचार करणार्‍या,
वाईट लोकांचा दोष आहे?
चांगल्या विचारांना पाठिंबा द्या.
मुलींना जगू द्या.
बलात्कार करणाऱ्यांना शिक्षा द्या.


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13 APR 2018 AT 15:28

बंद पिंजरे में वो उड़ने का ख्वाब संजोये बैठी थी
'निर्भया' थी वो 'आसिफा',जो होश खोये बैठी थी
कुतरने लगे दरिंदे पर उसके, पर वो नादान थी,
मुर्दा समाज में मदद को पलकें बिछाये बैठी थी

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14 APR 2018 AT 20:06

किसी अखबार के कतरन में
जब पढ़ेगी मेरी बेटी
आसिफा की कहानी
और पूछेगी उन गुनाहगारों के बारे में
तो मैं उस छोटी बच्ची से आँख नही मिला पाऊँगा

शर्म से झुक जायेगा
मेरा माथा
जब मैं कहूँगा की
वो पुरुष थे
जिनकी नाखूनों में दरिंदगी थी

क्या वो उसी वक़्त मेरे नाखूनों को निहारकर
आश्वस्त नही हो लेना चाहेगी?

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14 APR 2018 AT 23:35

अगर समय निकाल पाएं तो अनुशीर्षक अवश्य पड़े,

" रात " 👇

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