मेरी ख्वाबों की लहरों से,
मेरी आँखों में तैरता वह आसमां
इक रात ज़मी पर आया था ,
कुछ अनदेखा सा कुछ अनजाना सा ,
उस रात मेरी आँखों में समाया था ,
यह दिन के उस उजाले में नही ,
एक रात अँधेरे कुछ बदलो में , कई बूंदों के संग आया था
फिर कुछ बूंदों से यह मुझमें भी समाया था,
हाँ उस रात वह आसमां मुझसे मिलने आया था,....
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