QUOTES ON #आसमां

#आसमां quotes

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23 JUL 2019 AT 21:54

कभी छूने तो कभी पाने की ख़्वाहिश
चाँद को है अपना बनाने की ख़्वाहिश

अधूरा है मिल्कियत-ए-चाँद पे फैसला
है दावेदारों को आजमाने की ख़्वाहिश

है कितना प्रेम एक सितारे को चाँद से
इश्क़ में है बस टूट जाने की ख़्वाहिश

दरिया-ए-इश्क़ है हसीं निगाहें उसकी
ताउम्र के लिए डूब जाने की ख़्वाहिश

ख़त-दर-ख़त जिसे अपना लिखा मैंने
बस इक ख़त उसे पढ़ाने की ख़्वाहिश

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6 JUL 2020 AT 8:41

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8 APR 2020 AT 16:04

कुछ इस तरह से ज़िन्दगी से रिश्ता बनाये रखना
हर मुश्किल पे मुस्कुराना.., आँसु छुपाये रखना,

दिल है मूक बच्चे सा यह पल में बहल जाता है
तुम बस खिलौने ख़्वाइशों के सीने से लगाये रखना,

तू झड़ते पत्तों पे ना उदास हो ए शज़र
फिऱ कोपलें फूटेंगी.., बस शाख बचाये रखना,

बहुत बड़ा है निराशा की कैद से आस का यह आसमां
पिंजरा खुलेगा एक दिन.., "पंछी" तू पंख फैलाये रखना..!

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गुनाह करके कहां छुपाओगे ,
ये जमीं ये आसमां सब उसका हैं ... 🍁

हर हर महादेव

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20 AUG 2017 AT 13:35

जिस दिन मैं न रहूँगी













(Read full poem in caption👇)

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29 MAY 2020 AT 8:52

बढ़ते हुए कदमों को इंसा कहा रोकता है।
जलती हुई शमा को तुफां कहा रोकता है।
हिम्मत है अगर तुझमें, उचाईया छूने की
फिर उड़ने से तुझे आसमां कहा रोकता है।।

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14 MAR 2019 AT 7:01

इतरा मत अपनी उचाई पर तू इतना,
आसमां है, मेरे पापा की दी छत नहीं!

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3 FEB 2023 AT 15:37

ख़्वाब हसीन औऱ हक़ीक़त भयंकर है
जाने यह जीवन क्या षड्यंत्र है,

श्वाशों की ही उम्र सीमित है
इस सवा को तो चलना निरंतर है,

सोचूँ... आसमां पे हों पंछी या बंद पिंजरे में
सांसों की गति तो... एक समान्तर है,

पर क़भी उड़ के देख "अशोक" खुला परिंदों सा
बंद कमरे औऱ बाहर की हवा में बड़ा अंतर है!!

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31 JUL 2020 AT 21:30

आसमां वो ख्वाब है जिसकी ख्वाइश में
लोग ज़मी पर ऊचाइयां छुआ करते है,
अगर आंसमा पर रहते हम तो ज़मी को ख़्वाब कहते है
जैसे उचाईयों पर आते ही , ज़मी पर गिरने से डरते है,.
पर आसमां तो एक सच है,
जिसे जान कर भी , उसके ख्वाब देखा करते है...

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11 JUN 2020 AT 23:47

मेरी ख्वाबों की लहरों से,
मेरी आँखों में तैरता वह आसमां
इक रात ज़मी पर आया था ,
कुछ अनदेखा सा कुछ अनजाना सा ,
उस रात मेरी आँखों में समाया था ,
यह दिन के उस उजाले में नही ,
एक रात अँधेरे कुछ बदलो में , कई बूंदों के संग आया था
फिर कुछ बूंदों से यह मुझमें भी समाया था,
हाँ उस रात वह आसमां मुझसे मिलने आया था,....

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