"चंदा-किसी के प्यार में"
चंदा तेरा रूप तो, कुछ यूँ निराला लगता है।
तूँ तो किसी के प्यार में, मतवाला लगता है।
उनकी खुशी खातिर तुमनें, दिल में दबा रखे हैं कुछ जज्बात
नशे में रहने लगे हो अब, पास में कोई मधुशाला लगता है।
खामोशी उनकी तकलीफ देती है, फिर भी इश्क कर रहे हो
हर रात रूबरू होते हो उनसे, तूँ बड़ा हिम्मतवाला लगता है।
शायद उन्हें अभी खबर नहीं है, तुम्हारे बेपनाह इश्क की
बंद हैं दरवाजे तुम्हारे लिये, दिल पे लगा ताला लगता है।
कोई और ना देखे उन्हें, ये चिंता तुमको बेकरार करती है
पहरा उनके छत पर रोज़, तूँ उनका रखवाला लगता है।
बड़ी मुद्दत से मिलते हैं जमाने में, यूँ सच्चा इश्क करने वाले
हर शख़्स आशिक यहाँ, इश्क का कोई पाठशाला लगता है।
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