Anmol Cheema 29 SEP 2017 AT 21:20 आवाज़े आज भी उन अंधेरो से लौटती हैंजहाँ उसके सपनों को दफना दिया गया था - Adarsh Kumar 18 SEP 2020 AT 19:50 नाम से पुकार लेते है बहुत फ़ासलो से और इसकी उन्हे भनक भी नही लगने देते.. मेरे इश्क़ की इन्तेहा तो देखो इश्क़वालो दीदार चाहते भी हैं करीब से गुज़रते भी नही.. -