तेरी आवाज पाजेब की तरह खनकती है मेरे कानो में,
लगता है जैसे जी रहा हू
किसी मदहोश फ़िज़ाओं की आफसानों में,
दूर जाने की कोशिश भी करू अगर तुझसे अनजाने में,
पल में ये दिल खींचा चला जाता है तेरी ओर
जैसे कोई ढोर हो तेरे दस्तानों में,
तू करले क़ैद मुझको अपने आसमानों में,
ये दिल अब मेरा न रहा, ये धड़क रहा है तेरे सीने में,
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