पीयूष मिश्रा 13 MAR 2018 AT 2:11 शाम ढले अक्सरहम नदी किनारे जाया करते थेकुछ देर बैठ करमैं कहता था तुमसे-“कुछ कहो ना... तुम्हारी ख़ामोशी बहुत चुभती है”अब भी कभी-कभीमैं नदी किनारे चला जाया करता हूँकुछ देर बैठ कर ये कहता हूँ-“कुछ कहो ना... “फिर चुप हो जाता हूँ - Mamta Rav 12 MAR 2018 AT 22:24 कैसे अपनी अजीब आदत मैं छोड़ दूँ,साँसो में तुम बसे हो,क्या साँसे मैं रोक लूँ?,कह दो कि तुम्हें उल्फत होती है इस आदत से,खुदा क़सम! तो मैं ये जहाँ भी छोड़ दूँ। - Nits Jangir 3 FEB 2021 AT 21:06 मेरा हुन्नर भी कमाल का है अंदर से टूट कर भी बाहर से मुस्कुरा लेता हूँ - Uljhi Si 👻 Ladki 😈 18 OCT 2021 AT 10:53 " मेरी एक बहुत बुरी आदत की मैं किसी चीज़ को अपनी आदत नहीं बनने देती!" - Hal-E-Dil 20 MAY 2020 AT 14:13 अक्सर जिन लोगो को बेवफा शब्द का मतलब नही पता होता है,बादमे बेवफाई पर शायरी लिखते भी वही पाए जाते है! - official_ RaazVerma🇮🇳🎭 15 JUN 2021 AT 21:50 फितरत सुधार लो अपनी,,,,नहीं तो तलास्ते फिरोगे म्हिफलो में,,,,, - D_agr_wal❤️ 23 APR 2019 AT 18:36 आदत उनकी कुछ इस तरह हाे गईउनकी बेरूखी से भी हमें माेहब्बत हाे गई...!! - Shailaja Singh 23 APR 2020 AT 8:24 नशे सी हो गयी हूँ उसकी ज़िन्दगी में मैं,उसे अच्छी नहीं लगती पर छोड़ नहीं पाता.. - Harshita Yadav 13 MAR 2018 AT 16:16 अपने शब्दों से अभिव्यक्ति को सरल प्रवाह में बहाती हूँ,हृदय व्यक्त करना चाहता है सब कुछ बस शब्दों के भावों में उलझ जाती हूँ| - @ Åmìť Shårmå 20 MAY 2020 AT 16:39 उस बेवक़ूफ़ की आदत हो गई हैबेवक़ूफ़ी भरी बात करने की -