QUOTES ON #आतंकवाद

#आतंकवाद quotes

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26 FEB 2019 AT 13:26


किसी नें हमें I LOVE YOU बोला था l
आज़ हमनें I LOVE YOU 2 बोला है ll

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21 FEB 2019 AT 8:49

आज फिर हवा का रुख बदलते देखा
आँखो में नया प्रतिशोध पलते देखा,

दबी देखी निशानियाँ हमने अपनों की
बहते आँसुओं से चिंगारी निकलते देखा,

दिल और आग हो गया जब हमने
धुंए में शहर-ओ-शहर मिलते देखा,

कसूर कोई नहीं था मासूमों का लेकिन
बलि आतंकवाद की उनको चढ़ते देखा,

आज फिर उस राख से धुआँ उठता है
खुशियां थी जहां चिताएं भी जलते देखा,

कर लेते हैं लोग मौत पर भी राजनीति
यहां बाद तबाही के हाथ मलते देखा,

वो ज़हर बो रहे हैं और ज़हर ही काटेंगे
देखा जब भी उनको ईमान बदलते देखा !

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15 MAR 2019 AT 20:44

मौत के साए हैं हर तरफ
अल्लाह का घर भी महफूज़ नहीं
ख़ौफ़ का कोहरा न जाने छंटे कब तलक
आतंक के सिवा क्या कोई न्यूज़ नही

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26 FEB 2019 AT 14:43

हर आतंकवादी के सर पे कफ़न चाहते हैं
हम जंग नहीं, अमन चाहतें हैं !

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1 MAR 2019 AT 22:11

धरती भी उनकी छोटी पड़ गई
बांध ना सके वो ज़ंजीर से
देख आसमां से भी ऊंचा हौसला
कांप उठे वो भारत के इस वीर से



ए हिन्द के शेर, हम तुम्हे सलाम करते हैं

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23 OCT 2020 AT 21:05

बंदों के गले ये जो ज़िबा करने चले हैं,
रूठे ख़ुदा को और ख़फ़ा करने चले हैं,

मज़हब के नाम पर भी गुनाह करने चले हैं,
नासूर हैं जो ख़ुद, वो दवा करने चले हैं।

आमाल नीच हों तो ख़ुदा कैसे पाएंगे,
दुनिया से, दीन से भी औ' जन्नत से जाएंगे।

ज़िल्लत नसीब में ये ख़ुदा ने ही लिखी है,
रब की नाराज़गी है, जो इनको न दिखी है।

अल्लाह ख़िला रहा, पिला रहा, जिला रहा है,
उसको भला किसी से कभी भी गिला रहा है?

ख़ूँरेज़ हों जो ख़ुद वो दीन क्या बचाएँगे,
इंसानियत मज़ीद ये नीचे गिराएँगे!

ऐसे ख़ुदा परस्त से ख़ुदा ही बचाए
दुनिया पे नफ़रतों कभी आँच न आए।

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रंज नहीं अब रण होगा
तेरे नापाक इरादों का
अब यूँ ही क्षरण होगा
नमन है वीर जवानों को
आज हिन्द के हर मन से
सिर्फ तुम्हारा अभिनंदन होगा!!

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26 FEB 2019 AT 13:16

(हुनर)

इरादों को माप सके कोई
किस जिगर की है औकात
अँधेरा समझ खो दी अक्षर
चमकते तारों की सौगात।।

हमनें समझाया पर वो समझ-न-पाए
कह भी दिया जिसे कान सुन-न-पाए
अपना मिज़ाज है उल्फ़त का इलाज
दुश्मन ने मारा पर हम मर-न-पाए।।

याद करो तुम बिता ज़माना
तुम्हारी सज़ा बनी मेरा खजाना
सब कुछ नहीं है हाथ तुम्हारे
दुनियाँ चलती है रब के सहारे।।

बेच नहीं तू अपना ईमान
यहाँ कर्म है एक बलिदान
दोस्त है केवल दो पल का
थूकें गा फ़िर तुझ पे जहान।

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26 NOV 2017 AT 8:49

उसके 'कफ़न' से खून के दाग धुलकर जा रहे है।
मेरे देश के "नमकहराम" अब खुलकर आ रहे है।

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20 OCT 2019 AT 12:36

उनकी यादों के खतो को मैंने जलाकर तबाह किया है,
कुछ इस तरह से मैंने भी ,बीती रात "सर्जिकल स्ट्राइक" किया है।

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