QUOTES ON #आंदोलन

#आंदोलन quotes

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2 SEP 2020 AT 21:34

आकाश तुम क्यों मौन हो,
भूल गए क्या कि कौन हो।

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3 JUN 2018 AT 8:40

अन्न फेंका, दूध बहाया
आज माँ को तूने रुलाया

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10 DEC 2020 AT 21:43

मैं किसानों का दर्द समझता हूं
उनका दर्द मेरा दर्द है
देश का किसान आज दुःखी है
इसलिए मैं आज अपना
जन्मदिन नहीं मना
रहा हूं

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15 SEP 2020 AT 18:34

डराना है तो जम कर डराना
कुछ दिन के बाद फिर अपने घरों में न घुस जाना
सीधी राहों पर बहुत चल लिए
झूठ का दंभ बहुत भर लिए
जीत तो सत्य की होती है
चाहे झूठ खेले कितने दांव
कुछ नहीं आता फिर हाथ
तुम हिन्दू ही बने रहना
खुद को धर्म निरपेक्ष ही कहना
कभी कट्टर न हो लेना
थोड़ा उनका पक्ष लेना
वो तुम पर बार बार वार करेंगे
तुम वो भी सह लेना
पर टस से मस न होना
खुद से भी सच न कहना
गद्दार को गद्दार तुम कह न पाओगे
डरपोक हो डरपोक ही रह जाओगे
अपनी दुर्दशा पर ही
ताली बजा लेना
इन अल्पसंख्यकों के आगे सर झुका लेना
बुझा देना दिल में धधकती आग को
पर सच तुम फिर कभी आइना न देख पाओगे
देश से क्या खुद से भी क्या नजर मिलाओगे
उतार दो चोला शेर बनो
ऐसे दहाड़ों के शोर बनो
भाग जाय जो कुत्ते भौंकने आए
चलो आओ हम भी शेर बन कर दिखाए

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4 NOV 2021 AT 15:13


मैं हैरान हूं कि आंदोलनकारी उपद्रवी
मंहगाई-भ्रष्टचार अन्याय के नाम पर
शराब की दुकानो, बार, कसीनो,
बूचड़खानो आदि को नष्ट क्यों नही कर देते।

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6 JAN 2022 AT 19:47

हर जोर जुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा है
तुमने मांगें ठुकराई हैं, तुमने तोड़ा है हर वादा
छीनी हमसे सस्ती रोटी, तुम छटनी पर आमादा हो
तो अपनी भी तैयारी है, तो हमने भी ललकारा है
हर जोर जुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा है

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30 DEC 2020 AT 12:22

अन्नदाता हो तो अनाज बेचने का पाप क्यो करते हो दान में दे दो सारा अनाज ?
कहोगे खेती में पैसे लगते है मुफ्त देने से किसान अगली बार खेती कैसे कर पायेगा सही बात है लेकिन बाँकी सब कुछ मुफ्त लेने की वकालत करते समय भी ये याद रखो की बिजली, सड़क, सब्सिडी सब के लिए कोई पैसा दे रहा है और वो है टैक्स दाता तो दंगा कर के मुफ्तखोरी करना अधिकार नही हो जाता किसी का भी।
#मुफ्तख़िरी #एकनशा

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10 JAN 2021 AT 23:34

बड़े परेशान हैं देखो यहां सब मौन बैठे हैं।
और जो बोलना चाहे तो झांके कौन बैठे हैं।।

मैं डरा हूं तुम डरे हो और सहमें लोग भी
कहते थे जो हम तुम्ही से बनके डॉन बैठे हैं।।

तब पड़े पैरों में छाले पहुंचे जब दहलीज तक।
अब पड़े हैं रोड पर इस सर्दी में कौन बैठे हैं।।

जो भी है सब झूठ है अख़बार का कहना यही
देखो पत्रकार भी लेकर सरकारी लोन बैठे हैं।।

गणतंत्र की बस राह देखे यह खड़ा हिंदुस्तान
ट्रैक्टरों पर चाबी लगाए देके हॉर्न बैठे हैं।।

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14 DEC 2020 AT 20:14

छैनी हथौड़ी भाला है क्या
चुप क्यों बैठे हो मुंह में ताला है क्या
बड़ी गर्मजोशी से कर रहे हो आंदोलन
भूखे हो पेट में निवाला है क्या

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26 JAN 2021 AT 23:03

तार तार हो गया तिरंगा
गण ने किया तंत्र को नंगा
झूठे ये आंदोलनकारी
फैला रहे आतंक और दंगा

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