QUOTES ON #आँधियाँ

#आँधियाँ quotes

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14 MAY 2020 AT 8:22

मुश्किलों में मुस्कुराना सीखिये,
फूल बंजर में उगाना सीखिये!

खिड़कियों से झांकना बेकार है,
बारिशों में भीग जाना सीखिये!

आंधियां जब दे रही हो दस्तकें,
तब दिये की लौ बचाना सीखिये!

खामोशी से आज सुनता कौन है,
शोर महफिल में मचाना सीखिये!

डालिये दरिया में यूं मत नेकियां,
अब भला करके जताना सीखिये!

तान के रखिये इसे हरदम मगर,
सर किसी दर पे झुकाना सीखिये!

भीगती है आँखे किसी की याद से,
आंख को सबसे छुपाना भी सीखिये!

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16 JUL 2019 AT 19:36

एेसा कुछ हो की,
काम दोनों का चलता रहे...

आंधियाँ भी चलती रहे
और
दिया भी जलता रहे...

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10 MAY 2018 AT 16:38

बडी नासबूर हुई थी वो आँधियाँ
मिरी आशाओं के चिराग बुझाने को,
मैंने भी साफ लफ्जों में कह दिया
कि वो जाकर अपनी औकात बढा ले..

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16 DEC 2017 AT 14:15

जिन हवाओं से सुकून की उम्मीद की
वो दिल का चैन उड़ा गईं,
और जो नागवार आँधियाँ थी
वो अनजाने राहत के बैन सुना गईं।

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26 FEB 2020 AT 23:47

मैं अगर हवा होती, इधर-उधर घूमती,
बद-मिजाज़ सुगंध का रुख बदल देती।

आँधियाँ नफ़रत की पहले ही कम न थी,
पैग़ाम मोहब्बत का हर तरफ फैला देती।

सरहदें यों हवाओं को कहाँ रोक पाईं हैं,
उन सरहदों को भी बस खत्म ही कर देती।

हिन्दु मुसलमान इन्सान थे पहले कभी,
इन्सानियत जगा सियासत खत्म कर देती।

दंगे भड़कें क्यों, बस दाना-पानी चाहिए,
रोज़गार को हवा दे राजनीति खत्म कर देती।

कौन आखिर शान्ति नहीं चाहता होगा यहाँ,
खुशहाली की लहर से बस सराबोर कर देती।

ज़िन्दगी निभाने की वजह तो सबको ही चाहिये,
मौत सस्ती न हो, दुनिया सबको ज़ख्म क्यों देती?

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13 OCT 2020 AT 11:31

जो
हवाओं की तरह उड़ रहा है।
सूखे पत्तों की तरह बिखर के
धुंधली आँधियाँ फैला रहा है।
फ़िर भी झोंकों का रुख दिखा
एक उम्मीद सी जगा रहा है।
कि पतझड़ सदा का नहीं होता
यही तो आरम्भ है जो जीवन में
हरियाली का रस्ता दिखा रहा है।
जया सिंह 🌺

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21 DEC 2022 AT 10:27

हम को हमी से ख़फ़ा करके
वो गया है ऐसी वफ़ा करके

साँसें तो आ रही है हमें, पर
गया वो जीने से दफ़ा करके

निशां नहीं दिखते हैं, लेकिन
उसने छोड़ा ऐसे जफ़ा करके

आईनें में कुछ दी'खता नहीं
देखा है बारहा सफ़ा करके

ढूँढें कहाँ, कैसे, क्यों? अब
झूठा हर  फ़लसफ़ा'  करके

"बवाल" तू जीतेगा किस से
ख़ुद को यूँ रफ़ादफ़ा करके

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12 JUN 2019 AT 19:28

आँधिया ये जो अल्हड़ होके बह रही है,
कुछ तो नया होने का पैगाम दे रही है....

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25 APR 2019 AT 20:30

ये आँधियाँ बहुत तेज चल रही है
कैसे बचाऊँ मैं तेरे प्यार के दिये को

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8 JUL 2018 AT 7:50

वक्त बेवक्त आँधियाँ चली आती है
तन्हा तो नही अक्सर कुछ गम साथ लाती है

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