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जो सिर्फ अपनी तमन्नाओं से वास्ता रखते..!
हर खुशी जब उनको हासिल न हो तो खुदगर्ज वो...,
बेअदब होकर गैरत का मुकाम करतें....!
इस बैगानी भीड में हम तो सिर्फ इंसान निकले..,
वो छुटता रहा मेरे हाथो से और मेरी आँखे देखती रही..!
कल जब पलटोगे मेरी जिंदगी के पन्नों को..,
कुछ पर आंखें नम होंगी कुछ पर मुस्कुराहटें होंगी..!!
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