QUOTES ON #अश्रुधारा

#अश्रुधारा quotes

Trending | Latest
29 NOV 2018 AT 7:14

कहां मिल पाता है एकाधिकार प्रेम में,

सर्वस्व न्यौछावर कर भी कहां कुछ आता है हिस्से में,

हां किंतु ये प्रेम, बहुत सी धरोहरें दे जाता है,

दे जाता है वो अविरल अश्रु धार, एकाकीपन

वो शून्य में निहारती नज़रें, वो राह देखती पलकें,

वो हर दस्तक पर धड़कन का तेज़ हो जाना,

हां इतना कुछ तो दे जाता है प्रेम,

बस नहीं आता कुछ हिस्से में तो वो है प्रेम।।

-


26 MAY 2020 AT 12:31


"कान्हा"ये अश्रुपूरित चक्षु तेरे वियोग की निशानी है
राधा बनूँ या मीरा पर अधूरी ये प्रेम कहानी है

-


1 AUG 2020 AT 11:20

जानते हो वेदनाओं को सहते सहते हम
औरतों का हृदय भी पत्थर का हो जाता है..
अब चाहे उस पर तुम कितना भी प्रहार करो
हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा .....
परंतु तुम चोटिल जरूर होगे एक रोज ।
और हाँ तुम्हारे अंदर तो हमारी तरह
अनंत पीड़ा को सहने की शक्ति भी नहीं है..
हमारे नेत्रों से अश्रु की कुछ बूँदे क्या निकली
बड़ी आसानी से हमें कमजोर समझ लेते हो..
हमनें तो अपने दुःख इन खारे अश्रुओं के
माध्यम से दूर कर दिया..
परंतु तुम्हारे तो अश्रु भी नहीं निकलते
सब अंदर ही घाव की तरह जमा हो जाते हैं..
फिर मैं भी देखूँगी तुम किससे अपना
दुःख कहोगे......
-माhii.. 🦋

-


23 DEC 2022 AT 11:01

प्रेम डगर पर चले जो तेरे संग
लुट भी गए हैं तो गम नहीं होता

मन मेरा भटकता पथिक सा
मिल जाती तेरे पलकों की छाया तो
तिमिर शूल मार्ग भी आलोकित बन दमकता

बिछड़ गया क्यों साथ प्रिय का
यही सोच सिहर उठता है अंतर्मन मेरा
अश्रुधारा गंगा का अश्रुकोष कम नहीं होता

जीर्ण वेदना रही सिसकती
सजल नयन लिए सोचता रहा मन पथिक मेरा
दूर क्षितिज पार कहीं एक अनोखा संगम होता

-



धरती का अम्बर से मिलन हुआ है आज,
प्रेम मिलन में अश्रु धारा बह रही है ।
मिलन से इनके द्रवित हो गया बादल ,
उसकी आँखों का काजल बह गया ।।

-


19 JAN 2021 AT 22:57

देख दुग्धपान का सुखद एहसास
बह निकली गौमां की अश्रुधार..

-


18 OCT 2019 AT 20:14

पता है
नज़र नहीं पड़ेगी तुम्हारी
देखकर भी अनदेखा कर दोगी तुम
आदत सी हो गयी है न
बहक आने, मिलने और लौट जाने की
एक दिन यह भी न रहेगा
सूने पड़ जाएंगे तट पर बने वो रेत के घर
जिन पर निशान थे हाथों के
कुछ थपेड़ों के मेरे कुछ बहाव के तुम्हारे
मिलने की चाह रहेगी मुझे
कभी जब सूरज ढलेगा और सितारे दमकेंगे
उस अनन्त आकाश के तले
जहाँ तुम्हें पहली बार देखा था हँसते हुए
तुम आओगी विश्वास है मुझे
पता है

-



ये जो अश्रु जल तुने बहाया है मेरे लोचन से
आलिंगन-पाश करने का सांसोच्छेदन पूर्ण हुआ
असाध्य जीवन अवधि सा अब परिलक्षित लगने लगा

-


16 APR 2020 AT 8:24

अश्रु की धारा और उसका सहारा,
ना जाने कब किसने किसको पुकारा,

ना लब्ज निकले ना था कोई इशारा,
शायद उसने दिल की बात को जाना,
अश्रु की धारा और उसका सहारा...

-


22 OCT 2017 AT 18:30

कह रही ये अश्रुधारा, जग ने है मुझको नकारा
पर मुझे परवाह नहीं है, लूँगा मैं एक दिन किनारा

शलभों की वृत्ति यही है, तीमिर में वो रह ना पाते
मन की तम को साथ लेकर, लौ में हैं वो कूद जाते
कह पवन से पंखुड़ी, खुद की मलय को उत्कलाते
है पता झड़ जाना जबकि, और फिर वो झड़ ही जाते
जिनपे ही निगाहें टिकी थी, वो लिए कब का किनारा
असहाय खुद ही थे जो, उसने ही मुझको सँवारा
देख ये कैसे कहें, कौन है किसका सहारा

कह रही ये अश्रुधारा......

-