QUOTES ON #अवतार

#अवतार quotes

Trending | Latest
7 MAR 2021 AT 20:03

-


6 MAY 2019 AT 22:38

इंसान होना भी कितने गुरू़र की बात थी कभी,
खुदा को भी चस्का था अवतार लेने का तभी।

-


4 MAY 2019 AT 21:56

गुजर बसर जमीं पर इतनी भी आसान नहीं,
धक्के कितने खाने पड़े यहा रामा कृष्णा को।

-


25 MAR 2018 AT 20:26

रावण भी तुमने बनाया और लिया राम अवतार
क्यों नहीं संसार बसाते हो जहाँ बस प्यार ही प्यार

-


16 AUG 2017 AT 20:02

हे कान्हा.....
अवतार वैसे तो तुमने द्वापरयुग मे लिया था
"संभवामि युगे युगे"कहकर अन्याय पर न्याय को, अधर्म पर धर्म को फिरसे जिताने के लिए...
पर क्यों लगता हैं तुम्हें आज फिरसे धरती पर आने की जरूरत है
द्वापर से कुछ ज्यादा ही
देख रहे हो ना रे पितांबरधारी
आज हर देवकी आज अपने ही परिवार में सहमी सहमी सी रहती हैं
आज हर यशोदा नहीं ले पाती उसके बालगोपाल की मनभावन लीलाओं का आनंद
आज की वर्किंग सुपरमॉम जो ठहरी
कंस के आतंक ने मथुरा की ही नहीं, हैवानियत की हदें पार की है पर हमारे अंदर का कन्हैया कब जाग उठेगा
भंवर में कितने विघातक कालिया नाग छिपे हैं यहाँ
कौन करेगा इस यमुना में कालियामर्दन
आज गर कोई सुदामा बीच रास्ते में मिले तो उससे मुंह फेरने वाले कुबेर ही हैं यहाँ
उन्हें कौन अपनेपन से गले लगाएगा
डरती है कोने कोने में छिपे दुःशासन से हर द्रौपदी, कौन बचाएगा उसका पवित्र दामन
ये दुनिया जो बारात में सामने और मय्यत मे पीछे चलती हैं, क्या वहां मिलेगा कोई तुझसा साथी?
हर अर्जुन राह भटक रहा है, जुल्मी लोगों मे अपनों को देख कतरा रहा है
कौन पढ़ाकर उसे गीता, बढ़ाकार उसकाआत्मज्ञान बन जाएगा उसका सारथी
तुम ही तो हो हमारे अस्तित्व का कारण
तुम ही तो बसे हो ना हमारे अंदर
फिर छेड़ दे बांसुरी के वह दिव्य सूर,जगा दे हमारी आत्मा में बसा वह तुम्हारा रूप
और करा दे दर्शन हमें
तुम्हारी एक और कृष्णलीला का...

-


13 FEB 2017 AT 7:00

देखो, शब्दों ने बदली है चाल
लाँघ रही रूढ़ियों की ड्योढ़ी, काट रस्मों की जंज़ीर
मानो लग गये हैं पंख, और तैयार हों भरने को उड़ान

देखो, शब्दों ने बदली है चाल
शब्द ही तो हैं
जो रहते सृष्टि के आदी से अंत तक
इन्हें सिर्फ कहा जा सकता है
इन्हें सिर्फ सुना जा सकता है
इन्हें सिर्फ लिखा जा सकता है
इन्हें सिर्फ पढ़ा जा सकता है
इन्हें न शस्त्र काट सकते हैं, न आग में ये जलते हैं
न हवा सुखा सकती है, न जल में ये गलते है

छुपे होते हैं, सोये होते हैं, रहते हैं समाधी में
किसी कवि के हृदय में,
जब होती है जरुरत, तब लेते हैं ये अवतार।

-


2 JUL 2020 AT 12:44

चेहरा मिला कर देख लो, तुम सभी अवतार के
लग रहे हैं सारे बच्चे, एक ही परिवार के

-


18 MAR 2017 AT 14:01

प्यार, होता है एक बार
बाकी तो बस उसके अवतार

-


30 AUG 2021 AT 22:12

अष्टमी को जन्म लिया, है अष्टम सन्तान
विष्णु के अवतार ये, अष्टम हैं भगवान

-


17 OCT 2020 AT 10:25

हे शक्ति की देवी मां दुर्गे.........
बहुत बढ़ रहा है अन्याय इस युग में,
कोई तो चमत्कार दिखलाओ मां।।
एक बार लेकर अवतार इस धरती पर आओ।
पावन धरती पर अब बढ़ चलें है अपराध।।
नहीं हो रहा कहीं इंसाफ, एक बार झलक दिखलाओ मां।
लेकर अवतार दरिंदो का वध कर डालो मां।।
बहुत हुई अब सबसे आस सिर्फ तुमसे अब है आख़िरी आस।।

-