सर्द मौसम है आफ़ताब ढूँढता हूँ ठण्ड से बचने मैं हिजाब ढूँढता हूँ कपकपा ही देती है ये सर्द हवाएँ तपता रहूँ ऐसा कहीं अलाव ढूँढता हूँ बच कर रहना मौसम से रुख बदला है इसने तुरंत- तुरंत बचा ले सर्दियों से ऐसा कहीं लिहाफ ढूँढता हूँ घना कोहरा उसपर ये ठण्डी वादियाँ तपिश हो बदन में मैं आग ढूँढता हूँ...!!
आदर्शों और विचारों में इतना फर्क रखना की पत्थर उठाओ तो एक मकान बनाने को आग लगाओ तो अलाव लगाने को की ऐसा हो किसी सर्द रात में कोई कांपे नहीं पत्थर और आग देख कर।
-
Fetching #अलाव Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.