राम के नाम पर रावण,
हम सीख चुके हैं मक्कारी,
कुछ रावण जैसी अय्यारी,
वोह लोग नहीं गाजर भर हैं,
आओ कि उन्हें हलाल करें,
चलो बन जाओ तुम हिरन मरीच,
फिर सीता का हम हरण करें।
आओ कि हम हैं अधिक जनें,
इन कम जन को निपटाते हैं,
हम राम के नाम पर मित्र मेरे,
चलो रावण राग सुनाते हैं।
हम भीड़ बनें और फना करें,
अपनी पूरी फिर अना करें,
हम राम नाम पर मार दें सब,
जनता को कह दें हत्यारी,
हम सीख चुके हैं मक्कारी,
रावण जैसी कुछ अय्यारी।।
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