मतलबी दुनियां के
यहां फ़साने बहुत हैं
बेमतलब मुंह फुलाने के
यहां बहाने बहुत है
बेवजह पनपती नहीं दूरियां
यूं रिश्तों के दरमियान
बेफ़िजूल के इल्ज़ामों के
यहां अफ़साने बहुत हैं
यूं तो हर कोई समझता है
ख़ुद को सही
और आंकता है
दूसरों को हमेशा ग़लत
मगर हक़ीक़त और छलावों को
मापने के यहां पैमाने बहुत है
मतलबी दुनियां के
यहां फ़साने बहुत हैं
बेफ़िजूल के इल्ज़ामों के
यहां अफ़साने बहुत हैं
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