Ajay Kumar Jha 6 AUG 2017 AT 7:50 जाने लोग किस बात को खोते -रोते हैं मेरे बच्चे मुझे सीने में भींच कर सोते हैं ज़िंदगी जिंदाबाद - Ajay Kumar Jha 20 DEC 2018 AT 15:04 इंसानों का मेला बहुत है पर इंसान अकेला बहुत है - Ajay Kumar Jha 23 MAY 2018 AT 10:34 होते होते इश्क ये बस रह जाता है , हर बार ये हादसा टल जाता है ,हम रूमानी होते हैं रुत देख के, मौसम ,बिन बताए ही बदल जाता है - PraGati PaNdeý 23 JUL 2019 AT 10:38 जो बाहर से बड़े सख़्त दिखते हैं,वो अंदर ही अंदर पिघलते रहते हैं। - Ajay Kumar Jha 17 DEC 2017 AT 6:19 कभी अच्छा ,लिखूंगा ,फिर ,खराब लिखूंगा पहले लिखूंगा हिसाब अपनाफिरकिताब लिखूंगा - Ajay Kumar Jha 29 JUN 2018 AT 19:41 वो शहर में रहता था , वो अक्लमंद था , वो हुनरमंद था ,मुश्किल ये थी , शहर से ज्यादा , उसे अपना गांव पसंद था - Ajay Kumar Jha 5 JAN 2018 AT 11:44 कलम उनकी कातिल है ,हम रोज़ मरते हैं ,वो रोज़ लिखते हैं ,और हम रोज़ पढते हैं - Ajay Kumar Jha 14 DEC 2017 AT 12:49 ज़िंदगी के इम्तिहान से , यूं घबराया नहीं करते इश्क हो जाए तो निभाते हैं ,आज़माया नहीं करते - Ajay Kumar Jha 8 MAR 2018 AT 22:09 यूं देर तक जागना , अच्छा है क्या ख्वाबों से भागना , अच्छा है क्या - Ajay Kumar Jha 16 MAR 2018 AT 15:27 मां तेरे जाने के बाद ,मुझे "मां "कहना भी ,क्यों अजीब लगता है जैसे ही,करते हैं कोशिश ,ये होंठ ,एक कतरा आसूं का ,आखों के करीब लगता है -