ज़िन्दगी बारिश की बूंदों सी है सीप में पड़ी तो मोती हो गई पत्थर पर गिरी तो ढेर हो गई तुमसे मिली अहसास हो गई मुझसे मिली तो प्यास हो गई ताउम्र तरसती रही मंज़िल को जब खुद से मिली मिराज हो गई
अनदेखा करते हुए गुजर जाते है हम जिंदगी को.. यु तो जिंदगी नाम से बदनाम है हम बहुत आरोप लगाए जाते है जिंदगी को... यु तेरी मेरी कशमकश मे भुलाए जाते है हम जिंदगी को.. तरिके से जिंदगी जिना भि एक जादुगरी है साहब और हर एक शक्स जादुगर नही होता... जिंदगी जिने का सलिका यहा हर किसी को महसुस नही होता...
बड़ी खूबसूरत है राह जिंदगी सौतन तो कभी सहेली जिंदगी कभी धूप, कभी शीतल बयार जिंदगी कब इंकार किया तुझे जीने से जिंदगी, नित नए करतब दिखाए जा जिंदगी हमें हर पल आजमाए जा जिंदगी।