अपनें बच्चों की खुशियों के लिए,
कुर्बान कर देंते हैं जो अपनी सारी जवानी।
यह बढते हुए वृद्धाश्रम बयाँ कर रहें हैं,
उन बुजुर्ग माता पिता की अनदेखी की कहानी।
मतलबपरस्ती का दौर चल रहा हैं आजकल,
सब यहाँ सिर्फ अपना हीं मतलब देखा करतें हैं।
कडवे सच को यहाँ सब अनदेखा कर देते हैं,
मीठे झूठ पर सहज ही सब भरोसा कर लेते हैं,
इसलिए आजकल सच कहने वाले तन्हा रहते हैं।
अनदेखा कर देंते हैं लोग अपनें आज को,
बस हरपल कल के हीं सपने देखा करतें हैं,
इस तरह लोग खुद को हीं एक धोखा देते हैं।
Nitin sonu
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