QUOTES ON #अनजाने

#अनजाने quotes

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3 MAY 2019 AT 7:20

दिल को हमारे, खुशी से तोड दिया,
फिर भी शुक्रीया करता हुँ में दिल से तुम्हारा।
खाली था जो दिल, प्यार और दर्द भरे लफ्जो से,
उसे भरकर, ख्वाब पुरा किया है अनजाने में तुमने हमारा।

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4 JUL 2017 AT 1:35

यह अपनों की हसीन दुनिया, बड़ी ज़ालिम है
मुझे मेरे ही अल्फाज़ के लिये चिढ़ाती है,
वही अल्फ़ाज़..
जिनके लिये बाहरी दुनिया माथे पर बैठाती है,
अपने.. 'उन में'.. मुझे ढूँढते हैं
पराये.. 'उन में'.. ख़ुद को खोजते हैं
जो मरासिम होते हैं पुराने
वो तर्क करने लगते हैं, छेड़ने, घेरने लगते हैं
जो अजनबी अनजाने से होते हैं, वो अपने लगते हैं
हर हर्फ़, हर लफ़्ज़ का दर्द, मायना समझते हैं,
आपके लिखे को ख़ुद का आईना समझते हैं,
ख़ैर छोड़ो..यह तो पुराना दस्तूर है,
जो आज भी चालू बदस्तूर है
मैं तो आवारा सा एक शायर हूँ, कहाँ बाज आऊँगा
सिर्फ़ लिखना ही आता है, 'ग़र नहीं लिखूँगा
गोया के.. मर जाऊँगा
कोई पढ़े ना पढ़े, कोई सुने ना सुने
मैं ख़ुद पढ़ता जाऊँगा, ख़ुद ही सुनता जाऊँगा
दाद भी दूँगा, वाह-वाह करता जाऊँगा
क्या हुआ जो नारसिस्ट कह लाऊँगा
पर अपना दिल और न दुखाऊँगा
फ़क़त एक दिन जब..
मेरा गुल भी "गुलज़ार" हो जायेगा
देखना जो आज मेरा अपना मुझसे चिढ़ता है
वही मेरा सबसे बड़ा अपना
मेरा हबीब, मेरा मुरीद हो जायेगा
- साकेत गर्ग

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10 FEB 2018 AT 21:56



तुम कान्हा अनजाने
मैं मीरा दिवानी
तुम हो मुझमें पूरे
मैं तुझमें वीरानी....

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14 DEC 2019 AT 12:07

नये-नये अनजानों को दिल में नहीं बसा पाता हूँ मैं
जूने-पुराने मेरे अपने ही मेरी दुनिया हैं

- साकेत गर्ग 'सागा'

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4 DEC 2018 AT 19:57

कुछ पराए अनजाने में,
इस दिल में आया करते हैं।
पल भर के लिए ही क्यों ना,
सदियोंका सुकून दे जाते हैं।

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3 APR 2021 AT 20:45

If you join me, I will lose you
फिर दोनों कहेंगे ये तो मौजो की रवानी है
मैं रेत का दरिया
जब चढ़ जाएगी अपनी मोहब्बत परवान..
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24 JAN 2020 AT 22:42

गुनाह कुछ यूं हुए हमसे अनजाने में

फूलों का कत्ल कर बैठे पत्थरों को मनाने में।

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15 NOV 2018 AT 15:33

कुछ तो अनजाने से लोग भी दिल को ख़ुश कर देते हैं.,
और कुछ तो अपने होकर भी हमेशा तकलीफ़ ही देते हैं!

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26 MAY 2021 AT 21:21

We have seen together.After your arrival.
दोनों कहीं दूर पल रहे थे
जब मिले अनजाने थे
हम दोनों ही मनमाने थे
बांध के बंधन प्यार का
चले एक राह पर
मैं और तुम |
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5 JUL 2019 AT 14:55

ख़ुदा हमारी ज़िन्दगी से जुड़ा हर रिश्ता
हमे अपने हिसाब से समय आने पर ही देता है।
बचपन से लेकर अंतिम समय तक
मां बाबा भाई बहन मेहबूब/ मेहबूबा पति/पत्नी
बच्चे.... सब अपने अपने समय से ही हमारी ज़िन्दगी में आते है और हमसे जुड़ते हैं,
बस एक ही ऐसा रिश्ता है...... दोस्ती....
दोस्ती जो हर उम्र में हमारे साथ होता है हमें कभी अकेला नहीं छोड़ते ये दोस्त....
दोस्ती बहुत अनमोल होती है
यूं तो बचपन से ही हमारे दोस्त बनने शुरू हो जाते है
उम्र के हिसाब से हमउम्र मिलते रहते है,
जिस भी उम्र में सच्चा दोस्त मिल जाए तो ज़िन्दगी से कभी जाने ना देना,
थाम लेना उनको हाथ पकड़कर, उनको कभी खोने ना देना....
सच्चे रिश्ते बड़ी मुश्किल से मिलते है। ❤️.....❤️

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