वो बारिश में भीगे ज़माना हो गया,
वो छोटी सी नाव का फ़साना हो गया।
वो बारिश में भीगते क्या देखा हमने उन्हें,
ये दुश्मन जमाना हमारा हो गया।
कभी कसमे खायी थी हमने भी वफ़ा की,
पर बंद अब मिलना मिलाना हो गया।
ए ऋषभ देख कहा था न तुझे,
देख जीना दुष्वार अब हमारा हो गया।
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