Adhuri Khwahish Shayari...
ख्वाहिशें-ए-जिन्दगी बस इतनी सी है मेरी,
कि जिन्दगी शुरू और खत्म हो तुझपर मेरी.
दिल की ख्वाहिशें भले ही अधूरी हो,
पर चेहरे पर मुस्कुराहट पूरी हो.
पूरी जिन्दगी न जाने मैं क्या चाहता रहा,
कुछ अधूरी ख्वाहिशों को मैं पालता रहा.
ख्वाहिशें कुछ कुछ यूँ भी अधूरी रही,
पहले उम्र नही थी, अब उम्र नही रही.
न जाने कौन सी ख्वाहिश
पूरी होने की आस करते है,
हर दिल में भगवान है,
पर बाहर जन्नत की तलाश करते हैं।।
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