#वादी_ए_कश्मीर में
अब रौनक नही.!
हो गई है यह उजाड़,
दोज़ख सी बन गई.!
चिनार के पत्तों पे लगे,
खून के धब्बे.!
बारुदी महक वादियों में,
दूर तक फैले.!
डल झील के पानी का रंग,
लाल हो गया.!
इंसानी खून से डल झील,
भर गया.!
चिड़ियों की चहचहाहट नही,
वादी में गूंजे.!
बन्दूक की तड़तड़ाहट से,
ये वादियां गूंजे.!
हो गया सब ख़त्म है
अब कुछ नही बचा.!
दोज़ख सा हो गया है ज़न्नत,
बस यही हुआ.!
#अजय57-
6 AUG 2019 AT 17:31
13 FEB 2019 AT 13:41
28 JUN 2021 AT 15:03
ना तुम बोलो ना हम बोलें,
नही लोचन को तुम खोलो..
हृदय में झांककर देखो,
ये धड़कन कहती क्या तुझसे..
ज़रा आवाज़ को समझो,
उसे महसूस तो कर लो..
धड़कते दिल की धड़कन में,
तुम्हीं तो बात ये करती..
ये सांसे भी तेरे #सांसों के,
संग में साथ है चलती..
छुअन तन के तेरी मुझको,
बड़ी मदहोश है करती..
ये #चाहत भी न जाने क्यों,
हमें ग़ुमराह है करती..
#अजय57-