Akhil Khanna 25 MAY 2020 AT 9:18 खिलाऊं फूल नफरत के,सियासत का मैं जहरीला शजर नहीं..इंसानियत को कैसे मैं मजहबों मे बांट दूं ,मैं फितरत से इंसा हूं मुनव्वर नहीं..। - Akhil 6 AUG 2017 AT 18:31 फिजाओं में जो रंग भर दे उसे दोस्त कहते हैं,जो दोस्त के लिए फ़िज़ा ही बदल दे उसे दोस्त नहीं ज़िन्दगी कहते हैं । - Akhil Khanna 14 JUL 2019 AT 9:11 हर रोज आती है,नई चुनौतियां लेकर..ऐ जिंदगी,कभी कोई तोहफा भी ले आया कर..। - Akhil 31 JUL 2017 AT 15:10 सज़दा किया तुम्ही सेसाजिश भी करेंगे,मोहब्बत भी हुई उन्ही से जो बेवफाई भी करेंगे - Akhil Khanna 9 DEC 2020 AT 11:48 मेरी बातों-अल्फाजों के तो लोग कायल हैं..ना जाने रिश्तों में कौन सी चूक हो गई..। - Akhil Khanna 4 JAN 2020 AT 6:48 तेरे संग कितना वक्त गुजारा..मुश्किल है बता पाना..लगता ही नहीं मुझको.. कभी तू मुझसे जुदा था..। - Akhil Khanna 25 SEP 2019 AT 23:26 सच और ईमान का तरफदार हूं.. इसलिए कल भी गुनहगार था.. और आज भी गुनहगार हूं..। - Akhil 12 AUG 2017 AT 16:50 बख्शीश माँगी थी तुमसे तुमने तो तोहफ़ा ही दे दिया,वफ़ा न सही पर आँसुओं का ये गुलदस्ता क्यों थमा दिया - Akhil 5 AUG 2017 AT 8:33 एक दिन तितली उड़ी हवा का साथ देने,फूलों में उलझ कर रह गयी उस हवा के सामने;चुन ली उसने अलग अपनी भी एक आज़ादी,भूल गयी उस हवा को जिसने उसे अपनी सांस दी - Akhil 31 JUL 2017 AT 9:35 निगाहें टिकी थी उनपर जिनकी निगाहें कहीं और थी -