लहू का हर कतरा वो देश पे क़ुर्बान करते हैं !
वतन पर मिटने वाले, ज़न्नत अपने नाम करते हैं !!-
"श्री मद्-भगवत गीता" के
बारे में कुछ प्रश्न मिमांसा!!
【पूरी प्रश्न मिमांसा अनुशीर्षक में】
✴️🚩💥 जय श्री कृष्ण 💥🚩✴️-
# "न किसी धर्म न किसी जमात की पैरवी अच्छी लगती है,
जो किस्से सुनाए हैं बुजुर्गों ने अब बस वही सच्ची लगती हैं..!"¥-
धारा तीन सौ सत्र पर
प्रहार हो गया
अखण्ड भारत अब
गुलजार हो गया l
देखो जम्मू कश्मीर से
कन्याकुमारी,
हिन्दुस्तान अब
ज़रनिसार हो गया l
ज़रनिसार - सुनहरे रंग का, स्वर्णखचित-
देखना एक वक्त आयेगा
जब भारत की तस्वीर बदलेगी
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ना होंगे करोड़ों देवी-देवता ना कोई असुर अन्यायी
ना कोई महायुद्ध होगा ना लाशें बिखरी होंगी
भारतवर्ष फिर होगा विश्वगुरू महाज्ञानी
फिर सोने की चिड़िया कहलायेगा,श्रेष्ठ शिक्षा व सभ्यता होंगी।
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सैकड़ों परेशानिया झेली
फिर भी कितने शांत रहे
औरों को अपना अधिकार दिलाने को
ना जाने कितने अपमान सहे
जब शिक्षा देने को नहीं था
कोई भी शिक्षक तैयार
दलित-जात के कारण
शिक्षालय में भी उपेक्षा का पात्र रहे
कैसी मिट्टी के बने थे तुम बाबा
जब अपने ही लोगों ने तुम्हें धिक्कारा था
फिर भी कानून ऐसा लिखा कि
मिल-झुलकर सब साथ रहें।
सम्पूर्ण विश्व की 'बाबा' आप रहेंगे प्रेरणा सदा
चाहें आसमां पे चांद-सूरज रहे ना रहे ।
_हेमन्त बारेसा "देशप्रेमी"
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है पराक्रम से लबालब जो मातृभूमि
उसे ये जहां 'हिन्दोस्तान' कहता है ।-
हे भीमराव राव साहब बाबा,
तेरी है ! गौरवशाली गाथा।
भारत का है तू संविधान निर्माता,
शिल्पकार, अर्थशास्त्र का तू ज्ञाता,
तेरा चश्मा देखता बस, मानवता।
छुआछूत व खंडता को तूने दूर खगेड़ भगाया,
भारत का ढांचा बनाकर उसे चलना सिखाया,
आज संविधान ने अमीरों के घर गोता लगाया,
तोड़ मोड़ कर उसे अपनी सहूलियत से बनाया।
प्रभु राम को भी अब कठघरे में डाल कर दिखाया
संसद के चौराहे में संविधान का भी अपरहण कराया,
संविधान को खतेड़ स्वयं अब 370 स्थाई बना दिया,
अपने मतों के लिए मुद्दा हरा भरा कर सब ने दिखा दिया।
26 जनवरी उन्नीस सौ पच्चास को तुने ये लागू करवाया,
आज साधारण, गरीब के ही तो घर स्टे ऑर्डर आया,
कई ने तो तेरे नाम का चोला पहन, खूब ही हुड़दंग मचाया।
-DEEP THINKER
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तमिलनाडु मे मंदिर मस्जिद और चर्च मे बिजली दर..
हमारा महान सेक्युलर भारत..
जहा सिखाया जाता है सभी धर्म सभी जाति एक है 1950 के बाद सभी एक समान है कोई भेदभाव नहीं..
पर जब बात आरक्षण हटाने की बात आती है तो जाति उच्च नीच मे आ जाती है तब सामान नहीं रहती..
अगर बात मंदिर मस्जिद चर्च मे बिजली की यूनिट समान होनी चाहिए तब क्यों कोई ये नहीं बोलता की सभी धर्म जाति एक समान है मंदिर मस्जिद चर्च मे फिर भेदभाव क्यों...-
अजीब दौर में जी रहे हैं हम जहांँ,
एक post से हमारी धार्मिक भावनाऐं आहत हो जाती हैं, लेकिन सड़क पर घूमते हुए अनाथ और लाचार को देख कर हमारी भावनाऐं आहत नहीं होती हैं।
एक tweet से देश की अखण्डता भंग हो जाती है, लेकिन जब धर्म के नाम पर बांटकर vote मांगे जाते हैं, तब देश की अखण्डता बनी रहती है।-