किसी कुम्हार के हाथों से
जब तू उठाया जाएगा
कंकड़ पत्थर बीन कर
तुझे लायक वो बनाएगा
भाव का जल डालकर
तुझे कर देगा निहाल
चाक चढ़ाकर रूप उभारेगा
और करेगा संभाल
झोकेगा बेशक अग्नि में
पर तुझ पर रंग चढ़ जाएगा
चढ़ा हुआ ये रंग तेरा
लाखों का दिल ललचाएगा
See detail in caption
-