QUOTES ON #ZAKHM

#zakhm quotes

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5 MAY 2019 AT 13:05

इस से बढ़के बाहारों का सुबूत क्या होगा
मैं ने देखा है अपने ज़ख्म का हरा होना

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16 NOV 2020 AT 12:57

खुशियाँ बेचते है हम.
थोड़ी सी खरीदारी तुम भी कर लेना
अपने गम गिरवी रख के.

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2 NOV 2018 AT 19:31

कुछ दिन का दर्द है फिर हवा हो जाएगा
नया ज़ख्म पुराने वाले की दवा हो जाएगा

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21 APR 2020 AT 14:58

हर शख़्स यहां ज़ख्म कुरेदने में माहीर है जनाब,
वो ख़ुद भी जिन्होंने ज़ख्म बड़ी इरादत से दिए है ।

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19 MAY 2020 AT 4:23

Apni yadon ka zahar kuch is tarh pilaya usne
Apne hathon se mere jism ko jalaya
usne
Log poochne lge meri maut ka raz
Gunahe isq kiya tha bataya
usne




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21 AUG 2020 AT 14:14

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Kis kisko🙇 apne zakhm bataoge !!!
Yaha har kisike paas 👉namak hai muthi me
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24 JUN 2020 AT 9:53


"इश्क़ और ज़िन्दगी"

गुमशुदा रास्तों पर उसकी हरकतें ज़रूरी सी लगती है,
बात करते हो जब तुम अपनो की ,छुरी सी लगती है।

उतरे जब इश्क़ की दरिया में डूब जाना अच्छा लगा,
आज किनारे खड़ा हूँ और, ज़िन्दगी पूरी सी लगती है।

मिलता है सिर्फ उतना इश्क़ जितना हम प्यार करें,
सफर में मौजूदगी उनकी ,अब मजूरी सी लगती है।

जब भी हम उनके करीब गए मंजर मिला तन्हाई का,
नज़दीकियां हमारे दरमियाँ ,कम्बख्त दूरी सी लगती हैं।

खड़े हैं इश्क़ के पहरेदार यहाँ हर गली हर चौराहे पर,
इस ज़माने की दीवार ,खुदा की मंजूरी सी लगती है।

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26 JUN 2020 AT 9:01

"ठिकाने जीत के"

कायरों की हर एक नाकामी के, हज़ार बहाने हैं,
बहादुरों को कहाँ ढूंढने पड़ते ,जीत के ठिकाने हैं।

यकीं है अगर हौसलों पर तो लहरों पर चलना सीख,
बगैर तूफान में उतरे , ये जंग कहाँ जीते जाने हैं।

निकल पड़ा है सफर में तो देख चोटियाँ हिमालय की,
ये जो आसमाँ में चमक रहे हैं ,सब तुम्हारे खजाने हैं।

जमाना नहीं बनता मरहम किसी शख्श के ज़ख्मों का,
तू ज़ख्म अपने ताजे रख ,अब उसी से मिसालें बनाने है।

कुछ सपने अधूरे रह गए माँ-बाप के तुझे चमकाने में,
सारे ख्वाबों को पूरा कर,उनके सपने भी सच बनाने हैं।

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15 JUN 2020 AT 14:13

आ ज़िन्दगी अब हिसाब कर दूं तेरा बहुत एहसान है,
पैदा होते ही मिला था मुझको,तेरा गिरवी वो मकान है।

तेरे इस बेरंग सफर में क्या कसूर है टूटे हुए शख्श का,
साजिशें तो तेरी ही हैं सब, ठोकरें बस यूँ ही बदनाम हैं।

पूरा शहर कातिलों से भरा है कोई तेरे हत्थे नहीं चढ़ा,
तू भी शामिल है कत्ल में शायद , मेरा ये अनुमान है।

जीत और हार के गुरुर में जमीं और आसमान बट गए,
जो मिट्टी होकर आसमाँ चमका गया,वो भी नाकाम है।

हौसलों से हारे परिंदे को घुट घुट कर जीते देखा मैंने ,
टूटे शख्श को शिद्दत से तोड़ना ,कहाँ का अभिमान है।

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25 JUN 2020 AT 9:35

"सिक्का प्यार का"

ये इश्क़ है जनाब यहाँ सिक्का प्यार का चलता है,
गरीबी अमीरी से परे ,हर रिश्ता ज़ज़्बात में पलता है।

हर ज़ख़्म का इलाज है महबूब की शबनमी आँखों में
दो दिलों की मीठी छांव में ,प्यार का दीपक जलता है।

खिलने लगा है इक चाँद अब हर रोज मेरे मोह्हले में,
रूबरू होने को जिससे,कम्बख्त दिल बहुत मचलता है।

शौकीन हो गर मोह्हबत का बन्दिशें तोड़ आना सारी,
हर दगाबाज़ शख्श यहाँ ,ज़िन्दगी भर हाथ मलता है।

हर शख्श लिए खड़ा है दर्द के निशाँ अपने दिल पर,
खोटा निकला गर सिक्का ,तो इश्क़ बहुत खलता है।

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