अपने दिल में जो रखता था संजो कर मुझे ,
ज़िंदगी भर न मिला वो मेरा हो कर मुझे.......,
जिसकी आँखों में नज़र आता था अपना साहिल मुझे ,
चल दिया वो भी ग़म के समुंदर में डुबो कर मुझे......,
एक मुद्दत से ताल्लुक़ तक न रखा उस ने ,
आर्ची भूल बैठा वो कहीं सीने में दफन कर तुझे...।।
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