QUOTES ON #YQTRIVENI

#yqtriveni quotes

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26 DEC 2017 AT 17:39

न दिन भर बारिश,
न रात भर ओस,

फिर भी कब्र में नमी थी...!

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2 JAN 2018 AT 8:47

नए साल में सब कुछ नया होगा,
शिकवा, शिकन और शमायल भी,

क्योंकि मैंने मुखबिर बदल लिया है।

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17 JAN 2018 AT 21:27

जो कहीं भी नहीं दिखे, वो वायरल होते हैं,
जो कभी-कभार दिखे, वो फीचर्ड होते हैं,

जो हर कहीं दिखे, वो बस अकेले होते हैं।

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8 DEC 2017 AT 9:03

खिड़की से झांक कर जब देखता हूँ बाहर का मौसम,
तो रातें सर्द और सुबह अलसाई सी नज़र आती है..!

लगता है सियासत का ज़हर हर तरफ घुल गया है।

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16 JAN 2018 AT 8:32

दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है कोई,
देखो ज़रा कहीं ज़रूरतमंद तो नहीं,

सियासती पहले फ़क़ीर ही होते हैं।

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4 SEP 2018 AT 13:38

मुस्कुराहट के 2 सिरहाने,
और उनके सिरहाने तुम्हारे डिंपल...

ख़ुदा भी सारे इशारे यहीं से करता है।

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18 DEC 2017 AT 18:52

कुहासे में लिपटी सर्द रातें,
और ओस में भीगी सुबह,

काफी है त्रिवेणी के लिए।

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26 NOV 2017 AT 12:00

मरघट की "अय्याशी" में, रातें तमाम हो गई...
ठंडी राख की "तपिश" में, रंगीन शाम हो गई...

अघोर पथ का "आशिक़", मैं तेरा क़ाफ़िर हूँ।

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30 JUL 2019 AT 23:47

सुनो ...( त्रिवेणी )

ख्वाब फिर चले आये रातों को महकाने
तेरी यादों की बारीश से दिल को जलाने
या ...तुमने भीगी चाँदनी में हमको पुकारा हैं

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12 JUL 2018 AT 19:54

ये रूह कितनी मतलबी होती है,
शरीर ज़रा सा डग मगा जाए,छोड़ जाती है।।

वो भी रूहानी थे।।

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