QUOTES ON #YQTAILS

#yqtails quotes

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16 NOV 2018 AT 22:08

कितनी नज़ाकत से छूती हैं मासूम बारिश की बूंदे चेहरे को..
इन्हें देख कर लगता नहीं कि कभी इन्होंने बस्तियाँ डुबाई होंगी..

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8 MAR 2020 AT 8:09

जब आइने में संवरती थी,
तो सब हस्ते थे l
अब तस्वीर में सिमट गई हूं ,
तो सब रोते है।

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9 JUL 2017 AT 8:18

I would have chosen you if you were black in colour.
Racism becomes a part of me only when I shop.

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20 JUL 2019 AT 7:00

दिल के रिश्तों को कितने भी अच्छे से निभा लो,
लोगो को तकलीफ और दर्द तो बस ख़ून के रिश्तों
के लिए महसूस होता है।

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9 JUL 2019 AT 13:06

He used to say "I am his oxygen"
But lgata hai usne "photosynthesis" se aapne liye oxygen banana suru kr diya

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18 SEP 2019 AT 18:02

People see my short hairs
But,I see beautiful side of my hairs .
People see my dark circle
But,I see the deepness of my eyes.
People see my ugly face ,
But,I see the beautiful mole on my face .
People se the gap b/w my teeths ,
But,I see my beautiful smile
People see all defaults in me ,
But,I see all the divine and blooming of me

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शुरू करु मै फिर से वही कहानी
मेरी नसीहत रहेगी वही पुरानी
समझा लूं खुद को या उसको
मै तो हूँ ही सबके लिए बेगानी
चुभती है हर बात मुझे है सीने में दर्द
चलो ये भी हैं मजूंर क्योकी हूं अंजानी
हैं हजारों डायरी, मगर कोरे पन्ने की कहानी
ना बचपना है ना कैसे बीत रही जवानी
पसंद नापसंद क्यो बनूँ ना बनूँ हिस्सा
बस याद आयेगा तुम्हे तुम्हारा बीता किस्सा
हर तलक था बचपना और नादानींया
कुछ समझ ने रोक रखी थी करने से मनमानी
चलो एक तलक उम्र को ढलने दो
हम भी लिखते पलो को और बखुबी
मेरे पास भी कोई छोड़ देता अपनी निशानी
बीते लम्हों से क्या याराना क्या रवानी
होने दो नया तो बताऊंगी अपनी जुबानी

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5 JUN 2019 AT 16:27

The cost of your dream
Decided by others,
Earn by you

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27 DEC 2018 AT 22:56

Bdi lmbi gufdgu krni h mujhe tumse...kbi aana apni puri jindgi le kr mere kareeb!!

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21 AUG 2017 AT 19:40

प्रिय अमोली,
आज घर के चिराग की चाह के लिए मुझे घर की रोशनी बुझानी पड़ रही हैं।
वैसे भी भूल तुम्हारी ही है...
क्यों आना चाहती हो जन्नत से जहन्नुम मे?
क्या तुझे पता नहीं अपने सम्मान का मोल?
तुम्हारा मूल्य इतना ही है कि
पोते को श्रीखंड खिलाने वाली दादी से तुम सिर्फ़ सूखी रोटी ही पा सकोगी
तुम्हारे शरीर की शुद्धि दुनिया के लिए अशुद्धि ही होगी
गुनाहगार तुम्हें घूरती वहशी आंखें नहीं तुम्हारा स्लीवलेस टॉप और फटी जीन्स होगी
पिया के आंगन में तुम्हारा प्यार, काबीलियत नहीं, दहेज दिलाएगा दिलों में जगह
पंख तो पाओगी आज़ादी के जिनका हर कोना कई चुहों ने कुतरा होगा
शायद तुझ पर भी नौबत आए ऐसे ही किसी अमोली से उसका "मूल्यहीन" जीवन छीनने का
डरती हूँ मैं तुझ पर इतना बड़ा कहर ढहाने के लिए
कि कहीं इसके लिए तू मुझे कोसे ना
दुनिया के जैसे..
माफ कर दे मुझे ए मासूम शख्स....
पर खुदाई तुम्हारी खुदा के पास ही महफूज़ हैं,इन जल्लादों मे नहीं.....
-तुम्हारी गुनहगार,
तुम्हारी कातिल,
तुम्हारी मां

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