QUOTES ON #YQSACH

#yqsach quotes

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16 APR 2020 AT 13:21

मसला ये नही कि विलासिता को कैसे जुटाया जाए
जरूरी ये है कि अब जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए

मसला ये नही कि बहुत कुछ है खाने को पर क्या खाया जाए
जरुरी ये है कि उस गरीब की भूख को कैसे मिटाया जाए

मसला ये नही कि मखमल के बिस्तर पर नींद को कैसे बुलाया जाए
जरूरी ये है कि जगह कहाँ है जहाँ चादर को बिछाया जाए






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29 JAN 2020 AT 12:33

आज फिर से उन्होंने हमसे एक सच छिपाया है
हाथ हमारा पकड़कर साथ किसी और का निभाया है

और हम तुम्हारे बिन अब जी नही सकते,ये कहकर
हमारी चाय में उन्होंने खुद जहर मिलाया है

और तुम मेरी पहली पसंद हो, इन्ही शब्दों से
आज उन्होंने किसी और को फसाया है

ये सच है कि इस दिल पर सिर्फ तुम्हारा हक है
वो तो तुम्हे भूलने की कोशिश मे हमने किसी और को सीने से लगाया है

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30 JUL 2019 AT 23:17

क्या सही है और क्या गलत
कैसे तय करुँ सही और गलत
के बीच का सफर ।।
कभी सही होकर भी गलत होती हूं
तो कभी गलत होकर भी सही
जाने कौन रचता है ये सच और
गलत की बिसात ।।
रुक जाना चाहती हूं ज़िन्दगी के
उस मोड़ पर जहाँ ना कुछ सही
हो और ना ही कुछ गलत ।।

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19 APR 2019 AT 12:27

मेरी लिखी हुई शायरी, कविताएं कभी नहीं पढ़ता वो
शायद सच से इत्तेफाक नहीं रखना चाहता वो

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बहुत से झूठ जिंदगी में झेल चुकी हूँ
तुम एक सच भी आज़मा कर देख लो,
सहते-सहते हो चुकी जिंदगी पत्थर,
तुम भी अब शब्दों के तीर मार कर देख लो।

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26 SEP 2019 AT 23:34

अक्सर लोगों की मीठी-मीठी बातों में आ जाती हैं
ये मासूम बेटियां हैं साहब मुखौटे के पीछे का चेहरा नहीं पहचान पातीं हैं

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4 JUL 2018 AT 23:16

Ek baat kahe!!
Zarurat se zada mashrufiyat...
Duriya badha deti hai!!!

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17 APR 2019 AT 18:55

Kaise bhula de hum ab sab kuch,
Kash rok paate pehle hi jajbaato ko badhne se...

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10 JAN 2019 AT 15:44

Or 2 rupees ki taliya un logo ke liye
Jo 2 bar chai ko mana krne ke baad kehte hai..
Thik hai le aao!!😋

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10 MAR 2018 AT 19:12

बाबा आज खुल के जी लेने दे अपनी गुड़िया को
तेरे आँगन में..
सो लेने दे कुछ और सुकून की रातें
तेरे पालने में..
माँ खेल लेने दे कुछ और दिन तेरी लाडो को
तेरी गोद में..
जाने घर से बाहर बैठा होगा कौन
मेरे निकलने की ताक में..
भले मार्शल आर्ट सीखाई है तुमने
बहादुरी से लड़ना भी सीखाया है मुझको..
पर उस गन्दी सोच से कैसे लड़ पाएगी तेरी ये नन्ही परी माँ
नरभक्षी बन कर झुण्ड लगाए खड़े हैं
नोच नोच के खाकर फूंक डालने को..
नहीं देखते, हूँ मैं सिर्फ 8 महीने की या फिर कोई 80 साल की

माँ कोख में ही छुपा के क्यों नहीं रख लेती मुझे
तब तक ना इस दुनिया में लाना..
जब तक न सीख ले हर माँ का बेटा
हर एक औरत की इज़्ज़त में सर झुकाना..

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