नहीं बनना मुझे तुम्हारी प्रेमिका मुझे तो बस बनना है तुम्हारा सुकून तुम जब भी परेशान हो तुम्हारा चैन बनना है मेरी आवाज सुन तुम राहत पाओ मुझे वो लफ्ज बनना है तुम्हारे रूठने पर भी तुम्हें मना सकूँ मुझे वो शौक बनना है तुम्हारे गुस्से को भी प्यार में बदल दूँ मुझे वो चाहत बनना है तुम्हारी हर बात को खुद के आवाज में समेट लूँ मुझे वो अल्फाज बनना है तुम जब भी थक के आओ घर तो तुम्हारा आराम बनना है मुझे देख तुम्हारे शराब का सारा नशा उतर जाए मुझे बस वो हसीं जाम बनना है तुम्हारे हर बहाव को मैं थाम सकूँ मुझे वो नदी बनना है तुम्हारी धड़कने जिसमें धड़क सके मुझे वो दिल बनना है तुम जहाँ अपनी उड़ान भर सको मुझे वो आसमान बनना है तुम्हारे हर ख्वाब को मैं खुद में समेट लूं मुझे वो अरमान बनना है मुझे सिर्फ तुम्हारा सुकून बनना है ।