नई-नई सियासत का असर लगता है
ये भी अंधे कानून की नजर लगता है
ना खून का दाग ना चेहरे पे शिकन
अजीब ये कातिल का हुनर लगता है
खामखा लड़ता रहा वो आदमी जिसका मरा
बैरंग मुझे इंसाफ का सफर लगता है
यह इंसानी जात का दिया जख्म है 'जनाब'
ये भी तुझे कुदरत का कहर लगता है??
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