वो तो चला गया ,
मगर उसकी यादें नहीं जाती ...
कोई पुकारे तो हमे आवाजे नहीं आती ...
हूं अब तन्हा तो क्या हुआ , ज़ेहन से
उसकी झुटी बातें नहीं जाती ...
हा ! रो लेती हूं , अंधेरी रातों में ..
फिर भी चेहरे से
मुस्कुराहटें नहीं जाती
अब तो अपनी ही जिंदगी से झूट बोलती हूं
कौन कहता है ,
हमे बाते बनानी नहीं आती ..
डूब जाती हूं उसके ख़यालो में मै
कौन कहता है ?..
यादों के सहारे जिंदगी काटी नहीं जाती
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