QUOTES ON #YQLETTER

#yqletter quotes

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15 AUG 2020 AT 10:32

जश्न-ए-आजादी हम तभी मनाएंगे
हिन्दुस्तान के सभी चेहरे जब मुस्कुराएंगे
उन शहीदों की शहीदी पे सर झुकाएंगे
उनकी कुर्बानियों की अकीदत जब समझ जाएंगे

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13 AUG 2020 AT 17:31

स्निग्ध परत सी उसकी काया
विकल-स्त्रीत्व सी सोची जाए
इस सभ्य समाज में उसकी गरिमा
वस्तुपरक सी तोली जाए
उसके अंगों की सुघट्य बनावट
हवस दृष्टि से देखी जाए
घर में पूज्य है लक्ष्मी जैसी
बाजारों में बेची जाए
दंभी पुरुषार्थ की भूख मिटाती
चिथड़ों-चिथड़ों में नोची जाए

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5 SEP 2020 AT 10:23

हुस्न-ए-पैमाइश को अब आईने की जरुरत नहीं
ख़ल्क़-ए-नुमाइश तो फिदा है तेरी सादगी पर

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6 AUG 2018 AT 13:18

//पाती//

मैं सहर का पहरेदार
एक रात यूँ टहलता हूँ ।
हर गूँजती तन्हाई में
मैं वक़्त को टटोलता हूँ ।
तू धड़क सी आ चुकी
मेरी रूह में आ बैठी है ।
तेरी चाँदनी के आग़ोश में
हर मोड़ को मैं तकता हूँ ।

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27 JUN 2018 AT 16:28

To the 9 year old Ahana,

It has been a while since we last corresponded . Hope your days are still sunny and jovial. I am here all shattered with the mislaid fragments of innocence. Will you come back?

(Continued in Caption)

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14 JUL 2020 AT 3:27

Ek khat!

प्यारी रैना,

मेरे प्यारे से कहना वो उसका भेजा खाली खत मैंने और तुमने समझ लिया है ,

उसे भरने को मैंने आज उस कागज के टुकड़े पर एक बिंदी लगा दी है , बाकी वो समझ जाएगा।

तुम्हारी सखी
"अधूरी शाम"

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26 JUN 2018 AT 15:08

My dearest best friend,

2016. The year when our paths got aligned and our fate congealed with one single chord. A chord that compelled me to elapse the fragments of the universe just to reach the doorway of a star, i. e. you.

(Continued in Caption)

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26 AUG 2018 AT 12:02

Letter to my brother ❣️

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16 JUL 2020 AT 19:53

ए वक़्त..
कभी मिल भी जाया कर , जब कभी मुझे ढूंडना हो खुद को...
जब मुझे दिल करता है दोस्तो के साथ रहने का कुछ पल बिताने का..

ए वक़्त..
कभी टहर जाया कर..
जब हो प्यार की बारिश हर तरफ से,
जब मुस्कुराते हैं चेहरे किसी वजह से...

ए वक़्त ..
कभी गुज़र जाया कर..
जब हो कोई दुःख का समां ..
जब ज़िन्दगी का कोई पल हो बे रूखा..
ए वक़्त

ए वक़्त...❣️❣️

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8 SEP 2020 AT 16:01

#कोरोना,सरकार और आत्मविश्वास #
आज,देश एवं समाज का बहुतेरा हिस्सा अपितु सम्पूर्ण विश्व कोविड-19(कोरोना)से जनित महामारी से जूझ रहा है।गाँव ,शहर की एकाध चौपालें जो कभी सजी रहती थीं अब बेजान हो गई है।लोग दूसरों से क्या अपनों से मिलने पर सशंकित दिखाई पड़ते है।इसी बीच सरकार ने विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन शुरू किया।यह नकारात्मकता से भरा एक सकारात्मक कदम था।
परंतु इसी विकराल संकट के मध्य सरकार के लिए गए फैसले (निजी करण,प्रतियोगी परीक्षा संस्थानों की अकर्मण्यता तथा सकल घरेलू उत्पाद(-२३.९) का नीचे जाना)लोगों में विरोध की अलख जगा रहा है।
कई सारे संक्रमण से ठीक हुए लोगों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों इत्यादि को पढ़ने के तत्पश्चात,एक बात निकलकर सामने आई कि कोरोना किसी इलाज से ज्यादा आत्मविश्वास का संगी है।लोगों का आत्मविश्वास उन्हें स्वस्थ होने में मदद कर रहा है। अस्पतालों में जाने पर ही लोग ठीक हो जा रहे हैं क्योंकि वह एक आत्मविश्वास को जन्म देता है एक नए जीवन की।
अतः सरकार यदि कुछ समय अपने अन्दुरुनी मामलों पर जोर दें।बेरोजगार युवकों पर ध्यान दे। किसानों पर ध्यान केंद्रित करें।परीक्षा संस्थानों को परिणाम घोषित करने एवं परीक्षा तारीखों को सूचित करने का निर्देश दिये जायें तो शायद किसी भी प्रकार के जमघट से बचा जा सकता है।यही समय की जरूरत है।यह लोगों में आत्मविश्वास पैदा करेगा।

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