-सब्र रख--
रखना है तो जिद को पुगाने तक सब्र रख,
'जोसन" का तेरे पास आने तक सब्र रख,
यकीन कर बड़ा दिलकश और निराला होगा वह लम्हा,
बस उसका तेरी जुल्फें सहलाने तक सब्र रख,
बाहों के घेरे से नाप लेगा तेरी हसरतों का चप्पा चप्पा,
बस तेरे पास आकर बाहें उठाने तक सब्र रख,
कहीं छोड़ मत देना यह रूठने का दिलकश अंदाज,
बस उसका तेरे पास आकर मनाने तक सब्र रख,
उसने तेरी पीठ पर सिर्जनी है अपनी शोह की अदाकारी,
बस उस समय थोड़ा शर्माने तक सब्र रख,
तेरी आंखों में बीज कर जवान करने हैं बहुत सपने,
बस उसका तेरी आंखों में आंखें पाने तक सब्र रख,
तेरे पी जाएगा आंसू और सब शिकवे शिकायतें,
बस "जोसन" का तुझे जोर से गले लगाने तक सब्र रख,
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