gunjan saha 12 AUG 2019 AT 20:55 योग्यताएं भी समय की परिधि में निहित होती हैंउचित समय और मंच में ही योग्यता पहचानी जाती हैं - Shweta singh 21 SEP 2019 AT 22:22 चाहे वो दूरियां हो या नजदीकियां - gunjan saha 4 JUN 2018 AT 8:36 निंदा करने वाला व्यक्तिस्वयं निंदा का पात्र बन जाता हैं - gunjan saha 12 AUG 2019 AT 18:30 उसने शुभ-यात्रा कहमेरा साथ अधूरे में छोड़ दिया - gunjan saha 30 JUN 2018 AT 7:39 तेरे होने का एहसास अब भी होता हैदूर तो हो मुझसे परतेरे सासों का एहसास अब भी होता है - gunjan saha 12 AUG 2019 AT 0:21 किसी के इंतज़ार ने जिंदगी कम कर दी - gunjan saha 19 JUN 2018 AT 17:11 किसी के बुरे व्यवहार के प्रति-उत्तर मेंस्वयं को बुरा बना लेनाआपकी पहचान को समाप्त कर देती है - gunjan saha 25 JUN 2018 AT 15:11 दीदार मैं तेरा करू, कोई हर्ज़ तो नहीतूने नज़रे ना मिलाई, यही दर्द है मेरी - gunjan saha 25 JUN 2018 AT 8:14 हमें अपने पहचान ने रोकावरना हम भी आशिक़ होते - gunjan saha 12 AUG 2019 AT 0:11 मंजिल तक ना पहुंच पाया तेरे साथकोई गम तो नहींतेरी यादें हमसफर बनकर चलेंगीऐ भी तो कम नही -