ज्यादा क्या होगा, फ़िर तोड़ दोगे,
फिर से तन्हा छोड़ दोगे?
आओ एक बार और छोड़ने के लिए आओ,
मैं जुड़ गया हूँ,
मुझे फ़िर से तोड़ने के लिए आओ,
मगर आओ,
आओ के मैं जुड़ना नहीं चाहता,
मैं अच्छा भला था,
पर मैं अपना भला नही चाहता,
मैं चाहता हूँ के या तो फना हो जाऊँ,
या मैं तेरा सदा हो जाऊँ,
मगर तुम आओ,
मुझे ये बताने के लिए आओ,
मेरे कुछ करने का मोल नहीं है,
जो तुम्हारे दिल में है,
वो बेशक तुम्हारे बोल नहीं हैं,
और ना होंगे कभी,
क्योंकि प्यार,प्यार है,
जिंदगी से अनमोल नहीं है,
मान गया हूँ सब,
फिर भी आओ, मुझे तोड़ जाओ,
बिखरा हुआ सही था मैं,
मुझे चट्टान से रेत कर जाओ,
आओ आ कर मुझे तोड़ जाओ।।।।
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