Sudhir Kumar(MZN) 3 OCT 2019 AT 22:12 मेरी चाहत तेरी जुस्तजू तेरी मोहब्बत का कैसा कहर था मैं जिंदा भी रहा और मर भी गया ये कैसा जहर था - Sudhir Kumar(MZN) 13 SEP 2019 AT 23:22 तुझे चाहा लोगों ने तुझे पाने के लिए मैंने चाहा अपनी खुशी तुझ पे लुटाने के लिए तू नहीं जिंदगी में तो क्या गम है तू अपनी जिंदगी में खुश ये क्या कम है - Sudhir Kumar(MZN) 19 SEP 2019 AT 9:09 एक समस्या है मेरी कोई उसका हल बता दे जिसे चाहा हो दिल से कैसे भुला जाता उसको मुझको समझा दे - Dr. Sαυrαвн Srιvαѕтαvα 8 DEC 2018 AT 12:45 Whenever you become ANGRY about ANYTHING, for any REASON, realize you are under the guidance of your EGO and no GOOD shall come of it.❤️ - Sudhir Kumar(MZN) 2 JAN 2020 AT 12:25 काश एक मुलाकात हो तुमसे उस जहान में जहां बिछड़ने की रिवायत नहीं होती... एक बार पाने के बाद कुछ दुनिया जहान में ओर पाने की चाहत नहीं होती.... ऐ खुदा शायद इस मुलाकात के बाद उस जहां मेंकिसी से कोई मुलाकात नहीं होती.... - Sudhir Kumar(MZN) 5 JAN 2020 AT 20:32 जो लोग महफिल में हंसते बहुत हैं कभी उनके सीने की रफू की.... सिलाई के धागे खोलकर देखना... उनके सीनों में यादों के..... नासूर में बदलते घाव बहुत है इसीलिए वो महफिलों में हंसते बहुत है देखना उन्हें कभी ध्यान से.. चलाते हुए बाइक अपने आप से.. वो बातें करते बहुत हैं इसलिए वो महफिलों में... पागलों की तरह हंसते बहुत है देखना ध्यान से उनके अतीत को.. मोहब्बतों में जिनके टूटे हो दिल... वो भरी महफिल में हंसते बहुत हैं इसीलिए भरी महफिलों में..चुटकुले सुनाते बहुत हैं लोगों को अपनी बेवकूफी से हंसाते बहुत हैं - Sudhir Kumar(MZN) 15 DEC 2019 AT 9:32 तू जो मेरी दुनिया में नहीं, जाकर भी जाती क्यों नहीं तेरे नाम को बार-बार चखने की आदत जाती क्यों नहीं अब भी इसमें शहद की कशिश ,कड़वाहट आती क्यों नहीं - Sudhir Kumar(MZN) 9 DEC 2019 AT 13:24 ना तू गुजरे कल की सोच ना आने वाले कल की सोच आज की सोच ना आने वाला कल तेरे बस में ना जाने वाला कल तेरे बस मेंना तेरा आज तेरे बस में पर आज तू कर्म करने की सोच - Sudhir Kumar(MZN) 22 AUG 2019 AT 7:23 ऐसे मोहब्बत की मैंने तुमसे लूटा भी नहीं गया कुछ तुमसे मुझसे बचाया भी नहीं गया कुछ तुमसे सब कुछ तो दे दिया तुमको करके मोहब्बत तुमसे - Sudhir Kumar(MZN) 4 JAN 2020 AT 21:25 ऐ दिल आ थोड़ा सा साहस और हिम्मत दिखाऐ चल तू और मैं दोनों उसे भूल जाऐ... दुनिया लाख शिक्षा दें वफा गद्दारी की जैसे बदला साल तू और मैं भी बदल जाऐ.... जैसे रोज बदलता मौसम और बदलते हैं दिन चल ऐसे तु और मैं भी बदल जाऐ.... तु और मै ही क्यों जहां में कसमे वादे रस्में निभाऐ लोग आऐ तुझे तोड़े मुझे कुचले निकल जाऐ.... मै और तू ही एक दूसरे को समेटते नजर क्यों आऐ... ऐ दिल आ मिलकर थोड़ी सी हिम्मत और साहस दिखाऐं जैसे बदले दुनिया तू और मैं भी क्यों ना बदल जाऐ.. -