हाथ पकड़ कर चलना भी सिखाया है,
गलत होने पर सही रास्ता भी दिखाया है,
कठोर जमाने में जीने के मन्त्र बताया है,
वही तो मेरे सपनों का असमाँ है,
जो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हो,
वही तो मेरी माँ है।
मेरे आने के समय,कितना दर्द सहा होगा,
वो दर्द बून्द-बून्द कर अश्कों में बहा होगा,
फिर भी ठीक हूँ मैं उसने सबसे कहा होगा,
जो सारे दर्द भुला दे वह ऐसा नगमां है,
जो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हो,
वही तो मेरी माँ है।
कभी हँस कर कभी डाँट कर ,उसने मुझे पाला है,
डाँट कर मनाने का भी उसका अंदाज़ निराला है,
वही तो मेरी फीकी ज़िन्दगी में मसाला है,
वह तो अपने आप में खुशियों का समां है,
जो मेरे लिए कुछ भी करने के तैयार हो
वही तो मेरी माँ है।
अब भी मेरा साया बन कर मेरे पीछे चलती है,
मेरे नए नए कामों में मुझसे बेहतर ढ़लती है,
सिर्फ मुझे नहीं पालती, खुद भी मेरे साथ ही पलती है,
वही तो मेरी उम्मीद और अरमाँ है,
जो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार हो,
वही तो मेरी माँ है।
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