बेचैनी हैं इस दिल में पर मुझे अब महसूस नहीं होती, उसकी याद में रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होती, हम तो सरेआम बर्बाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में, और वो कहती हैं कि इस तरह मोहब्बत नहीं होती!!
मोहब्बत के तो कई रंग होते है मेरे महबूब मोहब्बत तो कभी लूट कर तो कभी खुद को मिटा कर भी होती है । मोहब्बत में रुस्वा होना तो पहला पढ़ाव है । मोहब्बत होती बेवजह है पर जब होती है तो बस इन रुसवाइयों से बेखबर ही होती है ।
महसूस नहीं होता ये कहना गलत है,जज़्बातो से रिश्ता गहरा बहुत है, आँसू तो आँखो से बह ही जाते है, दूर हो तुम बस यही अहसास दिलाते है। इश्क में तुम्हारे हम भी टूटे है, हाँ मगर अभी तक हम बिखरे नहीं है, और तुम कहते हो हमें मुहब्बत का सलीका नहीं है।
बहुत देर से समझें जनाब,मोहब्बत की राहें आसान नहीं होती।। जिसे टूट करो चाहो उसे ही तुम्हारे चाहत की परवाह नहीं होती।। जिन्हें चाहतें हैं जान से भी ज्यादा,उनसे ही कभी मुलाकात नहीं होती।। जान के भी वो कभी हमारे नहीं होंगे, उनके लिए मोहब्बत कम नहीं होती।।
शिकायतें कई हैं पर कभी बयान नहीं होती, जिन्दगी तन्हा सी होती जो उनकी पाने की आश भी न होती, रोज़ उनकी एक झलक के इंतजार में रहती हूँ, ये बेफिक्र को अब उनकी फिक्र होने लगी है, और वो कहते हैं इस तरह मोहब्बत नहीं होती!!