मुझे अपने कंधे पर आज भी बस इक तुम्हारा ही हाथ महसूस होता है... तुम्हारी उन तेज़ साँसो की आहट आज भी मेरे कानों में गूंज उठती है... तुम्हारी हर पसंद को दिल से मैंने अब अपनी पसंद मान लिया है, और रोज़ ये पूरी शाम आज भी बस इक तुम्हारे ही इंतज़ार में कट जाती है...
हाथ कट जाने से किस्मत नहीं मिट जाती बोल भर देने से रिश्ते नहीं तोड़े जाते कहते है जोड़ियां ऊपर से बन कर आती है ऐसे ही थोड़ी ना हम है मिल गए और बार बार झगड़े हो जाते