QUOTES ON #YQB

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17 JUN 2018 AT 15:00

कहते हैं मूल से प्यारा ब्याज होता है, मतलब दादा-दादी को अपने बच्चों से ज्यादा पोता-पोती प्यारे होते हैं ।
आज फादर्स डे है किंतु मैं पंक्तियां लिख रही हूँ अपने दादाजी के लिए जिन्होंने मुझे बचपन से ही संवारा और जो अब इस दुनिया में नहीं हैं,मेरे पिता स्वरुप दादाजी के लिए चंद पंक्तियां !


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क्यों ना तुम बारिश बन जाओ, मैं छतरी !
तुम अँधेरा बन जाओ, मैं परछाई !
या तुम कागज़ हो जाओ, मैं स्याही !
तुम बनो रास्ता, मैं मदमस्त राही !
तुम ना धूप बन जाओ, मैं झरोखा !
क्यों ना तुम पानी बन जाओ, मैं प्यासा !
तुम होना मरहम, मैं पका सा घाव!
या तुम हो जाओ मलंग तितली, मैं हरी घास !
तुम हो जाओ बबूल, मैं उसका काँटा !
और ना तुम पानी बनना, मैं लोटा !
फिर हम साथ गिरेंगे, उस फर्श से दूर !
मिट्टी में मिलने के लिए..
हम साथ पढ़े जायेंगे.. क्योंकि तुम किताब हो जाना,मैं कहानी !
फिर तुम फुर्सत बन जाना, मैं "कभी और" !


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12 MAY 2018 AT 20:01

आज फिर से खिला दिया माँ ने भगवान का प्रसाद , और फेर दिया सिर पर आशीष का हाथ ,
पर मैं फिर से लौट आया असफल हो शाम को हमेशा की तरह , खाली हाथ..
पर माँ के प्रयोग जारी हैं हर बार.. मेरे सफल होने तक , मेरे सफल होने तक !!

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14 JUL 2018 AT 13:14

मैं टूटा तो सही मगर हो गया काबिल,
चलो हार से महज़ कुछ तो हुआ हासिल !

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19 MAR 2018 AT 18:05

If street lights could speak they revealed the " PAST" and "LAST" night's stories..

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ये उन दिनों की बात है जब, प्यार तो होता था पर जताया नहीं जाता था..
जो कि मैने अब चरितार्थ होते देखा जब दादाजी ने आखिरी सांस दादी की गोद में ली !! 💜

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22 APR 2018 AT 19:45

कुछ तो बात होती है 'अपने' घर में !!
सुबह मां की डाँट से उठना, फिर देर तक रूठना और मनाना !
वो दस बजे का चाय,नाश्ता और दोस्तों संग घूमने निकल जाना !!
कि रात तक घर आना, पापा का चिल्लाना और दादी का पीछे छुपा कर बचाना !
वो 'अपने' घर की खुशबू ,दीवारें और आंगन का पेड़ !!
मंदिर, झूला, धूप-छाँव का खेल !
भाई/बहनों की शरारत, क्या होती है इन सब की कीमत.. ये तो बाहर रह कर ही जाना !!
कि अब कहाँ होता बार बार उस गली में आना !
ये हमने बड़े हो कर ही जाना !!
कि यूँ ही लोग दिल की नहीं सुनते, अपने घर का सपना हैं बुनते..,
कुछ तो बात होती है 'अपने' घर में..!!

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जिंदगी गणित का सवाल हो गई है,
साल दर साल बवाल हो गई है !!

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झाँक मैंने महसूस किया कि हम दो जिंदगियाँ जी रहे हैं...एक वो जो दुनिया देख रही है, घूमना,हँसना,खाना,पहनना...और एक वो जो हम रोज
सह रहे हैं !

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We all will die one day.. Let's not practice it regularly.. Firstly live those open eyed dreams..

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