जहाँ जाति धर्म से ऊंचा मानवता का सिंहासन हो,
झूठ फरेब से हट कर मर्यादा का पालन हो,
वीर शहीदों की कुर्बानी का हर युवक गुणगान करे,
आओ मिल कर 'नये भारत' का हम निर्माण करें।।
जहाँ पानी संचित करने के नित नए प्रयास करें,
दिव्यागों की सब कदर करें, ना कोई उनका उपहास करे,
गली मोहल्ले चौक चौबारे सब स्वच्छ रखने का आह्वान करें
आओ मिल कर 'नये भारत' का हम निर्माण करें।।
जहाँ बंधुआ मज़दूरी की भेंट कोई बचपन ना चढ़ पाये,
शिक्षा पर अधिकार सभी का, ये बात जन जन को समझाए,
जहाँ नारी के हर रूप का आदर सम्मान करें,
आओ मिल कर 'नये भारत' का हम निर्माण करें।।
जहाँ फसल लहलहाती हो, और हर किसान खुशहाल रहे,
हरा भरा हर गांव शहर हो, प्रदूषण का न निशान रहे,
जहाँ नयी तकनीक के साथ, पुरानी संस्कृति पर अभिमान करें,
आओ मिल कर 'नये भारत' का हम निर्माण करें।
-रंजीता अशेष
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