देख सूरज की किरणें भी अब चेहरे पर पड़ने लगी उठ जा अब तो ये रोशनी भी तुझसे कहने लगी देख अंधेरा जो छाया था वो भी दूर हो गया है हर जगह बस रोशनी का नूर हो गया है देख वो पंछियों की आवाजें भी अब कानों में पड़ने लगी उठ जा की अब ये मधुर हवाएं भी तुझसे कहने लगी ।
ना जाने क्यों कुछ अमीरों को गरीबों से नफरत क्यों हैं, अमीर लोग शायद ये भूल जाते हैं कि वो जिस महल में रहते हैं उसको भी गरीबों ने ही बनाया है, जिस अनाज को खातें हैं उसको भी किसी गरीब ने ही उगाया है ना जाने क्यों
सावन की हो गई शुरुआत आसमां से बूंदें गिरने लगी रिमझिम रिमझिम बारिश में कांवरियों की टोली निकलने लगी हर हर महादेव और बोल बम का जयकारा पूरा हिंदुस्तान बोल रहा देख महादेव की नज़रे अब भक्तों पर पड़ने लगी ।