एक और साल बीत गया आपके बिना,
अभी तक कोशिश जारी है आपके बिना जीना ।
हाँ, बाबा...
अब भी आपकी याद आती है,
रात-दर-रात मेरे तकिया को भिगोती है।
ऐसा लगता है जैसे कल की तो बात थी,
आपकी गोद मे सर रख के आपके सिरहाने सोई थी।
आपके बिना मेरी दुनियाँ सुनी हो गई है,
खुशियों से बनती नही अब मेरी
वो तो जैसे बेगानी हो गई है।
आपका चेहरा जहन से जाता ही नही,
आपकी आवाज़ आज भी कानों में गूँजती है।
आपकी उन्गली आज भी अपनी उंगलियों से महसूस करती हूँ,
जब भी हारने लगती हूँ तो बस आपकी मुस्कुराते हुए चहरे को याद कर लेती हुँ।
हाँ, बाबा...
अभी भी बहोत कुछ देखना बाकी है..
जी रही हूँ आपके बिना, अभी तो पूरा जीवन बिताना बाकी है..।
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