आज तक मन नहीं माना, नहीं हो साथ तुम अब हमारे
तेरे बिन दिन बहुत असाधारण सा है,,
पहले की तरह साधारण नहीं....😔
बिन तेरे ये घर संभल तो रहा है...पर बिन तेरे
मन अभी स्मभला नहीं ...
खली है मन के आंगन में...जो साथ नहीं हो तुम हमारे..
दुनिया की नजरों में हम खुश तो आते नजर..
पर अंदर बहुत खामोशी का डेरा है...
अगर अब कोई खुशी की बात है होती
खुश तो होतें हम..
लेकिन वो सकूं♥️ कहां मिलता..
जो तुझे छोटी - छोटी खुशी बता अहसास करते थे हम.
बहुत - सी दबी अनकही बातें भी है..
जिसका कोई मतलब तो नहीं,लेकिन तुम होती तो बताए बिन रहते नहीं हम😊
पता है अभी भी साथ हो हमारे कहीं दूर नहीं आस पास हो हमारे,♥️♥️🙏
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