खुद को भूल गया में, कुछ ऐसी उसकी मोहब्बत थी कोई भी देखें दीवाना हो जाए उसका खूबसूरती उसकी बेहिसाब थी मुस्कान उसकी ऐसी जो दिल जीत ले किसी का उसकी मुस्कुराहट ही उसकी पहचान थी मन नहीं भरता था उसकी बातों से कुछ ऐसी उसमें बात थी मेरी हर सुबह उस से शुरू होती थी इतनी वो खास थी आज भी उसकी कमी महसूस होती है वो पागल सी मेरे दिल के इतने पास थी वो जहां भी रहे खुश रहे आबाद रहे वैसे भी मेरे साथ रहकर उसकी जिंदगी बर्बाद थी
तुम से मिलने की आस लगाए बैठे हैं तुमसे रूबरू होने को बेकरार बैठे हैं कर ली कोशिश दिल को समझाने की एक तेरी याद में सर झुकाए बैठे हैं तेरे साथ चलने की चाहत है तेरे साथ जीने में ही राहत है राह तकता हूँ मैं कब आओगे तुम एक तुम हो कि इस राह आती नहीं करूँ कितनी भी कोशिश खुद को बहलाने की खुद को बहुत समझाया नहीं हिम्मत इस दिल को समझाने की मिल जाओ एक बार तुम एक यही फरियाद है इस दीवाने की😊