बारिश में तुझ संग वो भीगना याद आया,
तुझसे उस रोज़ पहली दफा मिलना याद आया,
दोस्ती हुई, फिर इश्क़ भी मुसलसल हुआ,
खिला मुस्कुराता चेहरा मुझे मेरा याद आया।
बोझिल सी रातें हुईं अब, टूटा है दिल,
तेरा होकर फिर गैर होना याद आया,
क्यों होती है मोहब्बत चार दिनों की चांदनी?
तू सिर्फ़ एक याद है, ये याद आया।
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