Rutuja Patil 5 OCT 2022 AT 6:35 ए दिल तू रोज़ इतना क्यूँ हारता हैं?जिनको खाक़ भी फर्क़ नहीं पड़ता,पता नहीं तू उनपें हीं क्यूँ मरता हैं?... -