हर्फ़ लिखूं या वो दर्द लिखूं ? या हर्फ़ में वो दर्द लिखूं ? वो खूबसूरत मर्ज़ जो कर्ज़ दिया था, इन बेजान पन्नों पर... वो खूबसूरत मर्ज़ लिखूं ? या वो भारी कर्ज़ लिखूं ?
मेज़ पे रखीं कलम और सुरमेदानी, बहस करती रहीं । हमें कौन खूबसूरत करता हैं ? अब उन्हें कौन समझाएं ? कलम में खूबसूरती की स्याही, आंखों में सुरमे संजोने से ही भरती है।